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Mikhla: 1 (मिख्ला 1 ): 1 (मिख्ला 1 ) (en Hindi)
Roin Raga
(Autor)
·
Diamond Pocket Books Pvt Ltd
· Tapa Blanda
Mikhla: 1 (मिख्ला 1 ): 1 (मिख्ला 1 ) (en Hindi) - Raga, Roin
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Reseña del libro "Mikhla: 1 (मिख्ला 1 ): 1 (मिख्ला 1 ) (en Hindi)"
यह गाथा है दुनिया के सबसे अद्भुत वृक्ष मिख्ला की इसकी शुरूआत होती है 423 मि0पु0 से। इस दुनिया में इंसानों के बीच युद्ध हमेशा से धान-दौलत, सत्ता और स्त्री के लिए होते आये हैं मगर इस कहानी में युद्ध की वजह है मिख्ला वृक्ष। मिख्ला अपनी तरह का दुनिया में एकमात्र वृक्ष है जो मिख्ला पुरवा साम्राज्य में है। यह वृक्ष हजारों वृक्षों, लताओं और झाड़ियों की खूबियाँ अपने अंदर समेटे है। मिख्ला पुरवा के वासी इसे अपना ईश्वर मानते हैं। कहने को मिख्ला पुरवा में राजतंत्र है मगर फिर भी यहाँ जाति-धर्म सम्बन्धी भेदभाव बिल्कुल भी नहीं हैं। इस पुरवा के वासी सिर्फ इंसानी धर्म स्वीकारते हैं। एक तरफ मिख्ला पुरवा है जिसके वासियों को प्रकृति से अति मोह है। वे प्रकृति को जरा भी नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते इसलिए उन्होंने स्वयं को और अपनी जरूरतों को प्रकृति के अनुकूल ढाल रखा है। उनके घर-महल आदि वृक्षों पर बने हैं। यहाँ तक की उनके परिवहन के मार्ग भी वृक्षों पर बने हैं। वहीं दूसरी तरफ है साहोपुरम जो कि लुटेरों का एक नगर है। लुटेरे हर कीमत पर मिख्ला को लूटना चाहते हैं। इसी के चलते वे मिख्ला पुरवा पर आक्रमण करते हैं। आखिर लुटेरे मिख्ला को क्यों लूटना चाहते हैं ?
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Blanda.
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